सिक्किम के गंगटोक में स्थित ठाकुरबाड़ी मंदिर एक प्रमुख हिंदू मंदिर है जिसका इतिहास 20वीं सदी की शुरुआत से जुड़ा है। 1935 में स्थापित, यह इस क्षेत्र के सबसे पुराने और सबसे प्रतिष्ठित मंदिरों में से एक है। मंदिर का निर्माण सिक्किम के तत्कालीन चोग्याल (राजा) द्वारा हिंदू आबादी की धार्मिक जरूरतों को पूरा करने के लिए दान की गई भूमि पर किया गया था, खासकर उत्तर भारत और नेपाल से आए लोगों की, जो सिक्किम में बस गए थे।

मंदिर परिसर शुरू में एक मामूली संरचना थी, लेकिन बाद में इसका विस्तार हुआ और अब इसमें भगवान कृष्ण, देवी दुर्गा, भगवान शिव और कई अन्य सहित कई देवताओं की मूर्तियाँ हैं, जो विभिन्न हिंदू परंपराओं का प्रतिनिधित्व करती हैं। मंदिर की वास्तुकला पारंपरिक हिंदू मंदिर तत्वों को स्थानीय सिक्किमी प्रभावों के साथ मिलाती है।

ठाकुरबाड़ी मंदिर महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व रखता है, जो त्योहारों, अनुष्ठानों और सामुदायिक समारोहों के केंद्र के रूप में कार्य करता है। दिवाली, दुर्गा पूजा और होली जैसे प्रमुख हिंदू त्योहार बड़े उत्साह के साथ मनाए जाते हैं, जो पूरे क्षेत्र से भक्तों को आकर्षित करते हैं।

गंगटोक के मध्य में स्थित होने के कारण यह तीर्थयात्रियों और पर्यटकों दोनों के लिए एक प्रमुख स्थल और शांति का स्थान है। पिछले कुछ वर्षों में इस मंदिर में कई नवीनीकरण और विस्तार हुए हैं, जिससे यह न केवल एक आध्यात्मिक केंद्र बन गया है, बल्कि सिक्किम में धार्मिक और सांस्कृतिक सद्भाव का प्रतीक भी बन गया है।

 

ठाकुरबाड़ी मंदिर का इतिहास – History of thakurbari temple

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