श्री शीतला माता मंदिर, जिसे शीतला माता मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू देवी शीतला माता को समर्पित है, जिन्हें देवी दुर्गा का अवतार माना जाता है। यह मंदिर भारत के हरियाणा राज्य के गुरुग्राम (पूर्व में गुड़गांव) शहर में स्थित है।

मंदिर का इतिहास कई शताब्दियों पुराना है, इसकी उत्पत्ति स्थानीय लोककथाओं और धार्मिक मान्यताओं से जुड़ी हुई है। हालांकि सटीक स्थापना तिथि व्यापक रूप से प्रलेखित नहीं है, मंदिर पीढ़ियों से क्षेत्र के सांस्कृतिक और धार्मिक परिदृश्य का एक अभिन्न अंग रहा है।

स्थानीय किंवदंतियों के अनुसार, मंदिर की स्थापना चेचक और अन्य संक्रामक रोगों की देवी शीतला माता के सम्मान में की गई थी। भक्तों का मानना ​​है कि शीतला माता की पूजा करने से वे इन बीमारियों से बच सकते हैं और उनके परिवार में स्वास्थ्य और समृद्धि आ सकती है।

पिछले कुछ वर्षों में, भक्तों की बढ़ती संख्या को समायोजित करने और इसकी स्थापत्य सुंदरता को बढ़ाने के लिए मंदिर का नवीनीकरण और विस्तार किया गया है। इसमें पारंपरिक हिंदू मंदिर वास्तुकला, जटिल नक्काशी, रंगीन सजावट और एक गर्भगृह है जहां शीतला माता की मूर्ति स्थापित है।

मंदिर बड़ी संख्या में भक्तों को आकर्षित करता है, खासकर शीतला माता को समर्पित त्योहारों के दौरान, जैसे शीतला अष्टमी या शीतला सातम त्योहार, जो बड़े उत्साह और भक्ति के साथ मनाया जाता है।

श्री शीतला माता मंदिर आस्था, आध्यात्मिकता और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है, जो देवी का आशीर्वाद चाहने वाले अनगिनत भक्तों के लिए एक पवित्र पूजा स्थल और सांत्वना का स्रोत है।

 

श्री शीतला माता मंदिर का इतिहास – History of shri shitala mata temple

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