शीतला माता मंदिर, जिसे श्री माता शीतला देवी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू देवी शीतला माता को समर्पित है, जिन्हें माता मसानी भी कहा जाता है। यह मंदिर विशेष रूप से उत्तर भारत में भक्तों के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व रखता है, और यह भारत के हरियाणा के गुरुग्राम शहर में स्थित है।
शीतला माता मंदिर का इतिहास सदियों पुराना है और किंवदंतियों और लोककथाओं में डूबा हुआ है। हालाँकि, इसकी उत्पत्ति का कोई निश्चित ऐतिहासिक विवरण व्यापक रूप से प्रलेखित नहीं है।
यह मंदिर देवी शीतला माता को समर्पित है, जिन्हें चेचक, खसरा और अन्य संक्रामक रोगों की देवी के रूप में पूजा जाता है।
भक्तों का मानना है कि उनमें उन्हें विभिन्न बीमारियों और बीमारियों से बचाने की शक्ति है, विशेष रूप से बुखार और संक्रमण से संबंधित बीमारियों से।
यह मंदिर एक लोकप्रिय तीर्थ स्थल है और देश के विभिन्न हिस्सों से भक्तों को आकर्षित करता है, खासकर शीतला अष्टमी त्योहार के दौरान, जिसे बड़े उत्साह और भक्ति के साथ मनाया जाता है। इस त्योहार के दौरान, भक्त प्रार्थना करते हैं, अनुष्ठान करते हैं और अपने परिवार की भलाई और स्वास्थ्य के लिए माता शीतला से आशीर्वाद मांगते हैं।
हालांकि श्री शीतला माता मंदिर का सटीक इतिहास अस्पष्ट हो सकता है, लेकिन इसके धार्मिक महत्व और इसके अनुयायियों की भक्ति ने इसे क्षेत्र में हिंदू संस्कृति और परंपरा का एक अभिन्न अंग बना दिया है। भक्त माता शीतला का आशीर्वाद और सुरक्षा पाने के लिए मंदिर में आते रहते हैं।
शीतला माता मंदिर का इतिहास – History of shitala mata temple