पुत्रा मस्जिद मलेशिया की संघीय प्रशासनिक राजधानी पुत्रजया में स्थित एक प्रमुख इस्लामी मस्जिद है। पुत्रा मस्जिद का निर्माण पुत्रजया के महत्वाकांक्षी विकास के हिस्से के रूप में शुरू किया गया था, जो 20 वीं शताब्दी के अंत में शुरू हुआ था। मस्जिद को मलेशियाई वास्तुकार निक मोहम्मद नूर द्वारा डिजाइन किया गया था और इसे पारंपरिक इस्लामी और आधुनिक वास्तुकला शैलियों के मिश्रण से बनाया गया था।
निर्माण 1997 में शुरू हुआ और 1999 में पूरा हुआ। पुत्रा मस्जिद का आधिकारिक उद्घाटन 1 अक्टूबर 1999 को मलेशिया के प्रधान मंत्री तुन डॉ. महाथिर बिन मोहम्मद द्वारा किया गया था। मस्जिद का निर्माण गुलाबी रंग के ग्रेनाइट का उपयोग करके किया गया है, जो इसे एक विशिष्ट और आकर्षक रूप देता है।
मस्जिद में इस्लामी वास्तुकला के तत्व हैं, जिनमें बड़े गुंबद, मीनारें और जटिल नक्काशी शामिल हैं। मुख्य गुंबद दुनिया के सबसे बड़े मस्जिद गुंबदों में से एक है, जिसकी ऊंचाई 116 मीटर (381 फीट) है। मस्जिद में चार मीनारें हैं, प्रत्येक 116 मीटर की हैं, जो इस्लाम के चार मुख्य सिद्धांतों का प्रतीक हैं।
मस्जिद का आंतरिक भाग विशाल है और इसमें प्रार्थना के लिए एक बड़ी मंडली को समायोजित किया जा सकता है। प्रार्थना कक्ष को सुंदर इस्लामी सुलेख से सजाया गया है, जो मस्जिद की सौंदर्यवादी अपील को बढ़ाता है। पुत्रा मस्जिद रणनीतिक रूप से पुत्रजया झील के किनारे पर स्थित है, जो इसे शहर के विभिन्न बिंदुओं से दिखाई देने वाला एक प्रमुख स्थल बनाता है।
मस्जिद पुत्रजया के प्रतिष्ठित प्रतीकों में से एक बन गई है और इसे अक्सर शहर को प्रदर्शित करने वाली प्रचार सामग्री में दिखाया जाता है। पुत्रा मस्जिद एक सक्रिय मस्जिद है, जो दैनिक प्रार्थना और धार्मिक गतिविधियों की मेजबानी करती है। पूजा स्थल होने के अलावा, मस्जिद उन पर्यटकों और आगंतुकों को आकर्षित करती है जो इसकी वास्तुकला की भव्यता की सराहना करते हैं।
पुत्रा मस्जिद आधुनिक इस्लामी वास्तुकला के विकास के लिए मलेशिया की प्रतिबद्धता का प्रमाण है और देश में एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक स्थल के रूप में कार्य करती है। यह पुत्रजया के स्थापत्य और सांस्कृतिक परिदृश्य का एक अनिवार्य हिस्सा है।
पुत्रा मस्जिद का इतिहास – History of putra mosque