पातलेश्वर शिव मंदिर, जिसे पातालेश्वर मंदिर भी कहा जाता है, पुणे, महाराष्ट्र में स्थित एक प्राचीन रॉक-कट मंदिर है। यह मंदिर अपने ऐतिहासिक और स्थापत्य महत्व के लिए प्रसिद्ध है।
पातलेश्वर शिव मंदिर का निर्माण 8वीं शताब्दी में राष्ट्रकूट वंश के दौरान हुआ था। यह मंदिर भारतीय उपमहाद्वीप के सबसे पुराने पत्थर की कटाई वाले मंदिरों में से एक है। यह मंदिर राष्ट्रकूट वंश के शासनकाल में बनाया गया था, जो अपने समय में कला, संस्कृति और धर्म के संरक्षक थे। मंदिर की वास्तुकला उस समय की शिल्पकला की उत्कृष्टता को दर्शाती है।
पातलेश्वर मंदिर को एक विशाल बेसाल्ट चट्टान को काटकर बनाया गया है। यह शैली एल्लोरा और अजंता की गुफाओं की वास्तुकला की याद दिलाती है, जो महाराष्ट्र में ही स्थित हैं। मंदिर में एक प्रमुख गर्भगृह है जिसमें शिवलिंग स्थापित है। गर्भगृह के सामने एक मंडप (हाल) है, जिसमें स्तंभों की श्रृंखला है। ये स्तंभ बड़े और सजीव नक्काशी से सज्जित हैं। मंदिर के परिसर में नंदी मंडप भी है, जिसमें भगवान शिव के वाहन, नंदी की मूर्ति स्थापित है। यह मूर्ति भी चट्टान से काटकर बनाई गई है। मंदिर की संरचना ऐसी है कि इसमें प्राकृतिक प्रकाश की व्यवस्था होती है, जो इसे दिन के समय में भी रोशन रखता है।
पातलेश्वर शिव मंदिर धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। यहाँ पर विशेष रूप से महाशिवरात्रि के अवसर पर बड़ी संख्या में भक्त आते हैं। यह मंदिर भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है और उन्हें शांतिपूर्ण वातावरण में पूजा-अर्चना करने का अवसर प्रदान करता है।
पातलेश्वर शिव मंदिर पुणे के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। यह स्थान न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि इतिहास और प्राचीन भारतीय वास्तुकला में रुचि रखने वालों के लिए भी एक महत्वपूर्ण आकर्षण का केंद्र है। मंदिर का शांतिपूर्ण और पवित्र वातावरण इसे ध्यान और आत्मचिंतन के लिए आदर्श स्थान बनाता है।
पातलेश्वर शिव मंदिर पुणे की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह भारतीय स्थापत्य कला और इतिहास का भी एक उत्कृष्ट उदाहरण है। इसके ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व के कारण यह मंदिर हर साल हजारों पर्यटकों और भक्तों को आकर्षित करता है।
पातालेश्वर शिव मंदिर का इतिहास – History of pataleshwar shiv temple