हर जीओ निमाणेया तु माण – Har jiyo nimaniyan tu maan

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हर जीओ निमाणेया तु माण - Har jiyo nimaniyan tu maan

हर जीओ हर जीओ निमाणिआ तू माण ..x3
निचीजिआ चीज करे मेरा गोविंद तेरी कुदरत कौ कुरबाण
तेरी कुदरत कौ कुरबाण
हर जीओ हर जीओ निमाणिआ तू माण ..

गई बहोड़ बंदी छोड़ निरंकार दुखदारी ..x2
कर्म न जाणा धरम न जाणा लोभी मायाधारी
नाम परिओ भगत गोविंद का इह राखहु पैज तुमारी
इह राखहु पैज तुमारी
हर जीओ हर जीओ निमाणिआ तू माण ..

जैसा बालक भाए सुभाए लख अपराध कमावै ..x2
कर उपदेस झिड़के बहु भाती बहुड़ पिता गल लावै
पिछले औगुण बखस लए प्रभ आगै मारग पावै
प्रभ आगै मारग पावै
हर जीओ हर जीओ निमाणिआ तू माण ..

हरि अंतरजामी सभ बिध जाणै ता किस पहि आख सुणाईऐ ..x2
कहणै कथन न भीजै गोबिंद हरि भावै पैज रखाईऐ
अवर ओट मै सगली देखी इक तेरी ओट रहाईऐ
इक तेरी ओट रहाईऐ
हर जीओ हर जीओ निमाणिआ तू माण ..

 

हर जीओ निमाणेया तु माण – Har jiyo nimaniyan tu maan