दिवाना तेरा आया बाबा तेरे शिरडी में – Deewana tera aaya baba tere shirdi mein
दीवाना तेरा आया बाबा तेरी शिर्डी में नज़राना दिल का लाया बाबा तेरी शिर्डी में मिलो मुझको मेरे बाबा भरनी तुम्हे पड़ेगी झोली मैं खाली लाया बाबा तेरी शिर्डी में…
दीवाना तेरा आया बाबा तेरी शिर्डी में नज़राना दिल का लाया बाबा तेरी शिर्डी में मिलो मुझको मेरे बाबा भरनी तुम्हे पड़ेगी झोली मैं खाली लाया बाबा तेरी शिर्डी में…
श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज,तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ। तोपे पान चढ़े तोपे फूल चढ़े,तोपे चढ़े दूध की धार। तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ। तेरी सात कोस की परिकम्मा,चकलेश्वर है…
शिरडी साईं बाबा मंदिर, जिसे शिरडी साईं बाबा समाधि मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, संत साईं बाबा को समर्पित एक प्रसिद्ध और प्रतिष्ठित मंदिर है। भारत के…
तुलसी पूजा मंत्र तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी। धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया ।। लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्। तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया ।। https://youtu.be/DwnjnY4M_OA तुलसी जल अर्पित मंत्र महाप्रसाद जननी,…
॥ दोहा ॥ श्री गुरु पद नमन करि,गिरा गनेश मनाय। कथूं रामदेव विमल यश,सुने पाप विनशाय॥ द्वार केश से आय कर,लिया मनुज अवतार। अजमल गेह बधावणा,जग में जय जयकार॥…
कलयुग में सिद्ध हो देव तुम्ही हनुमान तुम्हारा क्या कहना तेरी भक्ति का क्या कहना तेरी शक्ति का क्या कहना सीता खोजकरी तुमने सात समुंदर पार गये लंका को किया…
विरुपाक्ष मंदिर भारत के कर्नाटक के हम्पी में स्थित एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है। यह भगवान विरुपाक्ष, भगवान शिव के एक रूप, को समर्पित है। * प्राचीन उत्पत्ति: मंदिर का…
द्वारकाधीश मंदिर का निर्माण भगवान श्री कृष्ण के पोते वज्रभ ने करवाया था। पुरातत्वविद मानते हैं कि यह मंदिर लगभग 2000 साल पुराना है। यह द्वारकाधीश मंदिर जगत मंदिर के…
ॐ श्रीम गम सौभाग्य गणपतये। वर्वर्द सर्वजन्म में वषमान्य नमः॥ Om Shreem Gam Saubhagya Ganpataye। Varvarda Sarvajanma Mein Vashamanya Namah॥ गणपति शुभ लाभ मंत्र - Ganpati shubh labh mantra
॥ दोहा॥ जय जय जय जग पावनी, जयति देवसरि गंग। जय शिव जटा निवासिनी, अनुपम तुंग तरंग॥ ॥ चौपाई ॥ जय जय जननी हरण अघ खानी। आनंद करनि गंग महारानी॥…
मेरे बांके बिहारी लाल, तू इतना ना करिओ श्रृंगार, नजर तोहे लग जाएगी । तेरी सुरतिया पे मन मोरा अटका । प्यारा लागे तेरा पीला पटका । तेरी टेढ़ी मेढ़ी…
ॐ जय कलाधारी हरे, स्वामी जय पौणाहारी हरे, भक्त जनों की नैया, दस जनों की नैया, भव से पार करे, ॐ जय कलाधारी हरे ॥ बालक उमर सुहानी, नाम बालक…
कांचीपुरम मंदिर, जिसे कांची कामाक्षी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, भारत के सबसे पुराने और सबसे प्रतिष्ठित हिंदू मंदिरों में से एक है। दक्षिण भारत के तमिलनाडु…
शान्ताकारम् भुजगशयनम् पद्मनाभम् सुरेशम् विश्वाधारम् गगनसदृशम् मेघवर्णम् शुभाङ्गम्। लक्ष्मीकान्तम् कमलनयनम् योगिभिर्ध्यानगम्यम् वन्दे विष्णुम् भवभयहरम् सर्वलोकैकनाथम्॥ मैं ब्रह्मांड के संरक्षक और संरक्षक भगवान विष्णु को नमन करता हूं, जो शांतिपूर्ण…
॥दोहा॥ कनक बदन कुण्डल मकर, मुक्ता माला अङ्ग, पद्मासन स्थित ध्याइए, शंख चक्र के सङ्ग॥ ॥चौपाई॥ जय सविता जय जयति दिवाकर, सहस्त्रांशु सप्ताश्व तिमिरहर॥ भानु पतंग मरीची भास्कर, सविता हंस…
जब साई का सर पे हाथ है तो डरने की क्या बात है साई कृपा से ही तो रोशन जीवन की हर रात है जब साई का सर पे हाथ…
जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता, अपने सेवक जन को, सुख संपति दाता, जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता !! जय सुंदर, चीर सुनहरी, मां धारण कीन्हो, हीरा…
भारत के ओडिशा के पुरी में स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर, देश के सबसे पवित्र और प्रतिष्ठित हिंदू मंदिरों में से एक है। यह मंदिर भगवान विष्णु के एक रूप भगवान…
“त्रैलोक्य पूजिथे धेवे कमला विष्णु वल्लभे यया थावं अचला कृष्णे ठथा-भव मयि स्थिरा कमला चंचला लक्ष्मी चला भूतिर हरि प्रिया पद्म पद्मालया सम्यक उच्चै श्री पद्मधारिणी द्वाद-सैथानि नामानि लक्ष्मी सम्पूज्य…
जय यदुनंदन जय जगवंदन।जय वसुदेव देवकी नन्दन॥ जय यशुदा सुत नन्द दुलारे। जय प्रभु भक्तन के दृग तारे॥ जय नटनागर, नाग नथइया॥ कृष्ण कन्हइया धेनु चरइया॥ पुनि नख पर प्रभु…
जय जय राधा रमण हरी बोल, जय जय राधा रमण हरि बोल ॥ मन तेरा बोले राधेकृष्णा, तन तेरा बोले राधेकृष्णा, जिव्हा तेरी बोले राधेकृष्णा, मुख से निकले राधेकृष्णा, जय…
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी। सूर्य पुत्र प्रभु छाया महतारी॥ जय जय श्री शनि देव.... श्याम अंग वक्र-दृष्टि चतुर्भुजा धारी। नी लाम्बर धार नाथ गज की असवारी॥ जय जय…
भर दो झोली मेरी साई बाबा लौट कर मै ना जाऊंगा खाली उसकी किस्मत का चमका सितारा जिसपे नजरे करम तुमने डाली भर दो झोली मेरी साई बाबा लौट…
सोमनाथ मंदिर, पश्चिमी भारतीय राज्य गुजरात के वेरावल शहर में स्थित है, जो भारत के सबसे प्रतिष्ठित और प्राचीन मंदिरों में से एक है। इसका इतिहास कई शताब्दियों पुराना है…
श्री वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटी समप्रभा। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व-कार्येशु सर्वदा॥ Shree Vakratunda Mahakaya Suryakoti Samaprabha। Nirvighnam Kuru Me Deva Sarva-Kaaryeshu Sarvada॥ श्री वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटी…
जय पार्वती माता जय पार्वती माता ब्रह्म सनातन देवी शुभफल की दाता । ॥ जय पार्वती माता ॥ अरिकुल पद्दं विनासनी जय सेवक त्राता, जगजीवन जगदंबा हरिहर गुणगाता । ॥…
*जय माता दी जय माता दी जय माता दी* राजेश्वरी धाम मां देवी राज रानी वैष्णो मंदिर में गुरु पूर्णिमा के उत्सव के बारे में आने वाले भक्तों के लिए…
श्री साईं बाबा व्रत के फलस्वरूप निम्नलिखित लाभ व फल प्राप्त हो सकते है: 1. पुत्र की प्राप्ति, 2. कार्य सिद्धि, 3. वर प्राप्ति, 4. वधु प्राप्ति, 5. खोया धन…
भगवान श्रीराम ने अपने प्रतिज्ञा पूरी की| उन्होंने बालि का वध करके सुग्रीव को भयमुक्त करके किष्किंधा का राज्य सौंप दिया| फिर कुछ दिनों के बाद अपने वायदे के अनुसार…
जुगल छबिकी आरती करूँ नीकी| गौर बरन श्रीजनक ललीकी, स्याम बरन सिय पीकी| मुकुट चंद्रिका में द्युति राजै, अगनित सूर्य ससीकी| सुन्दर अंग अंग में छबि है, कोटिन काम रतीकी|…
एक बार इंद्र सहित देवताओं ने भगवान शिव की परीक्षा करनी चाही| वह देवों के गुरु वृहस्पति के साथ कैलाश पर्वत पर पहुंचे| शिव ने अपनी आत्मिक शक्ति के बल पर…
॥ दोहा ॥ श्री गणपति गुरु गौरी पद प्रेम सहित धरि माथ । चालीसा वंदन करो श्री शिव भैरवनाथ ॥ श्री भैरव संकट हरण मंगल करण कृपाल । श्याम वरण…
एक राजा हाथी पर बैठकर अपने राज्य का भ्रमण कर रहा था। अचानक वह एक दुकान के सामने रुका और अपने मंत्री से कहा: मुझे नहीं पता क्यों, पर मैं…
॥ दोहा ॥ बन्दौं सन्तोषी चरण रिद्धि-सिद्धि दातार । ध्यान धरत ही होत नर दुःख सागर से पार ॥ भक्तन को सन्तोष दे सन्तोषी तव नाम । कृपा करहु जगदम्ब…
॥ श्री हनुमंत स्तुति ॥ मनोजवं मारुत तुल्यवेगं, जितेन्द्रियं, बुद्धिमतां वरिष्ठम् ॥ वातात्मजं वानरयुथ मुख्यं, श्रीरामदुतं शरणम प्रपद्धे ॥ ॥ आरती ॥ आरती कीजै हनुमान लला की । दुष्ट दलन…
ॐ वन्दे देव उमापतिं सुरगुरुं, वन्दे जगत्कारणम् । वन्दे पन्नगभूषणं मृगधरं, वन्दे पशूनां पतिम् ॥ वन्दे सूर्य शशांक वह्नि नयनं, वन्दे मुकुन्दप्रियम् । वन्दे भक्त जनाश्रयं च वरदं, वन्दे शिवंशंकरम्…