परशुराम चालीसा – Parshuram chalisa
॥दोहा॥ श्री गुरु चरण सरोज छवि, निज मन मन्दिर धारि। सुमरि गजानन शारदा, गहि आशिष त्रिपुरारि॥ बुद्धिहीन जन जानिये, अवगुणों का भण्डार। बरणौं परशुराम सुयश, निज मति के अनुसार॥ ॥…
॥दोहा॥ श्री गुरु चरण सरोज छवि, निज मन मन्दिर धारि। सुमरि गजानन शारदा, गहि आशिष त्रिपुरारि॥ बुद्धिहीन जन जानिये, अवगुणों का भण्डार। बरणौं परशुराम सुयश, निज मति के अनुसार॥ ॥…
॥ दोहा ॥ गणपति गिरजा पुत्र को, सुमिरूँ बारम्बार । हाथ जोड़ बिनती करूँ, शारद नाम आधार ॥ ॥ चौपाई ॥ जय जय गोरख नाथ अविनासी । कृपा करो गुरु…
॥ दोहा ॥ जय जय जय जग पावनी, जयति देवसरि गंग। जय शिव जटा निवासिनी, अनुपम तुंग तरंग॥ ॥ चौपाई ॥ जय जय जननी हराना अघखानी। आनंद करनी गंगा महारानी॥…
दोहा – जयकाली कलिमलहरण, महिमा अगम अपार ! महिष मर्दिनी कालिका , देहु अभय अपार !! चौपाई – अरि मद मान मिटावन हारी, मुण्डमाल गल सोहत प्यारी ! अष्टभुजी सुखदायक…
॥ दोहा॥ देवि पूजित, नर्मदा, महिमा बड़ी अपार। चालीसा वर्णन करत, कवि अरु भक्त उदार॥ इनकी सेवा से सदा, मिटते पाप महान। तट पर कर जप दान नर, पाते हैं…
॥ दोहा ॥ नमो नमो विन्ध्येश्वरी, नमो नमो जगदम्ब । सन्तजनों के काज में, करती नहीं विलम्ब ॥ जय जय जय विन्ध्याचल रानी। आदिशक्ति जगविदित भवानी ॥ सिंहवाहिनी जै जगमाता…
॥ दोहा॥ विश्वेश्वर पदपदम की रज निज शीश लगाय । अन्नपूर्णे, तव सुयश बरनौं कवि मतिलाय । ॥ चौपाई ॥ नित्य आनंद करिणी माता, वर अरु अभय भाव प्रख्याता ।…
श्री साँई के चरणों में, अपना शीश नवाऊं मैं कैसे शिरडी साँई आए, सारा हाल सुनाऊ मैं कौन है माता, पिता कौन है, यह न किसी ने भी जाना। कहां…
॥दोहा॥ जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल करण कृपाल। दीनन के दुख दूर करि, कीजै नाथ निहाल॥ जय जय श्री शनिदेव प्रभु, सुनहु विनय महाराज। करहु कृपा हे रवि तनय, राखहु…
॥दोहा॥ जय गणपति सदगुणसदन, कविवर बदन कृपाल। विघ्न हरण मंगल करण, जय जय गिरिजालाल॥ जय जय जय गणपति गणराजू। मंगल भरण करण शुभ काजू ॥ ॥चौपाई॥ जै गजबदन सदन सुखदाता।…
दोहा नीलवरण माँ कालिका रहती सदा प्रचंड । दस हाथो मई ससत्रा धार देती दुष्ट को दंड ।। मधु केटभ संहार कर करी धर्म की जीत । मेरी भी पीड़ा…
।।दोहा।। विष्णु सुनिए विनय सेवक की चितलाय । कीरत कुछ वर्णन करूं दीजै ज्ञान बताय ॥ ।।चौपाई।। नमो विष्णु भगवान खरारी, कष्ट नशावन अखिल बिहारी । प्रबल जगत में शक्ति…
॥ दोहा॥ श्री गुरु चरणन ध्यान धर, सुमीर सच्चिदानंद। खाटूश्याम चालीसा भजत हूं, रच चौपाई छंद। ॥ चौपाई ॥ श्याम-श्याम भजि बारंबारा। सहज ही हो भवसागर पारा। इन सम देव…
।। दोहा ।। श्री राधे वुषभानुजा , भक्तनि प्राणाधार । वृन्दाविपिन विहारिणी , प्रानावौ बारम्बार ।। जैसो तैसो रावरौ, कृष्ण प्रिय सुखधाम । चरण शरण निज दीजिये सुन्दर सुखद ललाम…
॥ दोहा ॥ जय गिरी तनये डग्यगे शम्भू प्रिये गुणखानी गणपति जननी पार्वती अम्बे ! शक्ति ! भवामिनी ॥ चालीसा ॥ ब्रह्मा भेद न तुम्हरे पावे , पांच बदन नित…
॥ दोहा ॥ जनक जननि पद कमल रज,निज मस्तक पर धारि। बन्दौं मातु सरस्वती, बुद्धि बल दे दातारि॥ पूर्ण जगत में व्याप्त तव, महिमा अमित अनंतु। रामसागर के पाप को,…
॥ दोहा॥ जय जय श्री महालक्ष्मी करूँ माता तव ध्यान सिद्ध काज मम किजिये निज शिशु सेवक जान ॥ चौपाई ॥ नमो महा लक्ष्मी जय माता , तेरो नाम जगत विख्याता…
॥ दोहा॥ जय ब्रह्मा जय स्वयम्भू, चतुरानन सुखमूल। करहु कृपा निज दास पै, रहहु सदा अनुकूल। तुम सृजक ब्रह्माण्ड के, अज विधि घाता नाम। विश्वविधाता कीजिये, जन पै कृपा ललाम। https://youtu.be/An_wyeoLt7Q…
॥ दोहा ॥ श्री गुरु पद नमन करि,गिरा गनेश मनाय। कथूं रामदेव विमल यश,सुने पाप विनशाय॥ द्वार केश से आय कर,लिया मनुज अवतार। अजमल गेह बधावणा,जग में जय जयकार॥…
॥ दोहा॥ जय जय जय जग पावनी, जयति देवसरि गंग। जय शिव जटा निवासिनी, अनुपम तुंग तरंग॥ ॥ चौपाई ॥ जय जय जननी हरण अघ खानी। आनंद करनि गंग महारानी॥…
॥दोहा॥ कनक बदन कुण्डल मकर, मुक्ता माला अङ्ग, पद्मासन स्थित ध्याइए, शंख चक्र के सङ्ग॥ ॥चौपाई॥ जय सविता जय जयति दिवाकर, सहस्त्रांशु सप्ताश्व तिमिरहर॥ भानु पतंग मरीची भास्कर, सविता हंस…
जय यदुनंदन जय जगवंदन।जय वसुदेव देवकी नन्दन॥ जय यशुदा सुत नन्द दुलारे। जय प्रभु भक्तन के दृग तारे॥ जय नटनागर, नाग नथइया॥ कृष्ण कन्हइया धेनु चरइया॥ पुनि नख पर प्रभु…
॥ दोहा ॥ श्री गणपति गुरु गौरी पद प्रेम सहित धरि माथ । चालीसा वंदन करो श्री शिव भैरवनाथ ॥ श्री भैरव संकट हरण मंगल करण कृपाल । श्याम वरण…
॥ दोहा ॥ बन्दौं सन्तोषी चरण रिद्धि-सिद्धि दातार । ध्यान धरत ही होत नर दुःख सागर से पार ॥ भक्तन को सन्तोष दे सन्तोषी तव नाम । कृपा करहु जगदम्ब…
जिस तरह ग्रहों के राजा सूर्य देव की आराधना लाभदायी मानी जाती है, ठीक इसी तरह धार्मिक शास्त्रों में चंद्र देव की पूजा पुण्यदायी मानी गई है। जिस तरह ग्रहों…
गणेश चतुर्थी की पौराणिक एवं प्रचलित कथा : व्रत में सुनने से दूर होंगे सारे संकट, मिलेगा अपार सुख श्री गणेशाय नम:' संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत करने से घर-परिवार में…
नमो नमो दुर्गे सुख करनी । नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी ॥ निरंकार है ज्योति तुम्हारी । तिहूँ लोक फैली उजियारी ॥ शशि ललाट मुख महाविशाला । नेत्र लाल भृकुटि…
दोहा श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि । बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि ॥ बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन कुमार बल बुधि विद्या देहु मोहि,…
श्री विष्णु चालीसा ॥ दोहा॥ विष्णु सुनिए विनय। सेवक की चितलाय॥कीरत कुछ वर्णन करूं। दीजै ज्ञान बताय ॥ ॥ चौपाई ॥ नमो विष्णु भगवान खरारी। कष्ट…
शिव चालीसा श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान। कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान॥ जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत संतन प्रतिपाला॥ भाल चंद्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल…
श्री गणेश चालीसा॥ दोहा ॥जय गणपति सदगुण सदन,कविवर बदन कृपाल ।विघ्न हरण मंगल करण,जय जय गिरिजालाल ॥ ॥ चौपाई ॥ जय जय जय गणपति गणराजू ।मंगल भरण करण शुभः काजू…