भाद्रपद माह में इस तिथि को मनाई जाएगी भुवनेश्वरी जयंती, जानें व्रत की कथा – Bhuvaneshwari jayanti will be celebrated on this date in the month of bhadrapada, know the story of the fast

पंचांग के अनुसार, भाद्रपद में शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को भुवनेश्वरी जयंती मनाई जाती है। इस दिन देवी भुवनेश्वरी की विधि-विधान से पूजा की जाती है। मान्यता है कि दस महाविद्याओं में चौथी महाविद्या देवी भुवनेश्वरी हैं। देवी भुवनेश्वरी को भुवनेश्वर रुद्र की शक्ति के रूप में वर्णित किया गया है। देवी भुवनेश्वरी अपने भक्तों को अभय और कई तरह की सिद्धियां प्रदान करती हैं। भक्त संतान प्राप्ति के लिए देवी भुवनेश्वरी की पूजा करते हैं। देवी पुराण में वर्णन के अनुसार देवी भुवनेश्वरी को वामा, ज्येष्ठा और रौद्री नामों से भी संबोधित किया जाता है। देवी भुवनेश्वरी संपूर्ण सृष्टि की अधिष्ठात्री देवी हैं। आइए जानते हैं भुवनेश्वरी जयंती से जुड़ी कथा।

* भुवनेश्वरी जयंती से जुड़ी कथा: 

देवी भागवत में वर्णन के अनुसार, प्राचीन समय में दुर्गम नाम का राक्षस अपने अत्याचारों से सभी देवी-देवताओं को परेशान कर दिया था। दुर्गम राक्षस के अधर्मों से परेशान होकर देवताओं और ब्राह्मणों ने हिमालय पर्वत जाकर देवी भुवनेश्वरी की पूजा-अर्चना करने लगे। देवताओं और ब्राह्मणों की पूजा से प्रसन्न होकर, देवी स्वयं तीर, कमल के फूल, सब्जियां, जड़ें आदि लेकर वहां प्रकट हुईं। देवी मां ने अपनी आंखों से पानी की हजारों धाराएं प्रकट कीं, जिससे पृथ्वी के सभी प्राणी संतुष्ट हो गए। देवी मां की आंखों से निकले आंसुओं से सभी नदियां और समुद्र अथाह जल से भर गए और सभी पेड़-पौधे, जड़ी-बूटियां और औषधियां सिंचित हो गईं। देवी भुवनेश्वरी ने दुर्गमासुर से युद्ध किया और उसे परास्त कर देवताओं पर आए भीषण संकट का निवारण किया। दुर्गमासुर का वध करने के कारण देवी भुवनेश्वरी देवी दुर्गा के नाम से प्रसिद्ध हुईं।

* देवी भुवनेश्वरी का स्वरूप: 

पौराणिक मान्यता के अनुसार देवी भुवनेश्वरी को माता दुर्गा का सौम्य अवतार माना गया है। मां भुवनेश्वरी का स्वरूप बेहद तेजमय है, उनके प्रकाश से पूरी सृष्टि में उजाला फैलता है। त्रिनेत्र वाली देवी भुवनेश्वरी की चार भुजाएं हैं, जिनमें से एक हाथ वरदान देने की मुद्रा में हैं, दूसरे हाथ में उन्होंने अंकुश धारण किया हुआ है और शेष हाथ पाश एवं अभय मुद्रा में हैं।

* भुवनेश्वरी जयंती की पूजा का महत्व: 

मान्यता है कि देवी भुवनेश्वरी की जयंती पर पूजा, जप, व्रत एवं साधना करने पर सभी प्रकार का सुख और सौभाग्य प्राप्त होता है और कष्टों से छुटकारा मिलता है। देवी भुवनेश्वरी मनवांछित फल प्रदान करती है।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है।)

 

भाद्रपद माह में इस तिथि को मनाई जाएगी भुवनेश्वरी जयंती, जानें व्रत की कथा –

Bhuvaneshwari jayanti will be celebrated on this date in the month of bhadrapada, know the story of the fast

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