हर साल कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर माताएं अहोई अष्टमी व्रत रखती हैं। इस व्रत का उद्देश्य अपने बच्चों की सुरक्षा, सेहत, और लंबी आयु के लिए प्रार्थना करना होता है। महिलाएं पूरे दिन निर्जला व्रत रखकर शाम को तारों को अर्घ्य देकर व्रत का पारण करती हैं। इस साल अहोई अष्टमी 24 अक्टूबर 2024 को मनाई जाएगी। यदि आप भी पहली बार यह व्रत रखने जा रही हैं, तो इन 5 खास बातों का जरूर ध्यान रखें।
1. दोपहर में न सोएं –
अहोई अष्टमी के दिन दोपहर में सोने से बचना चाहिए। इसके बजाय, आप दिन में माता के भजन गा सकती हैं या कीर्तन कर सकती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ऐसा करने से व्रत का फल बढ़ता है और माता अहोई की कृपा मिलती है।
2. नुकीली चीजों का प्रयोग न करें –
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, इस दिन सुई, कील, चाकू, कैंची जैसी नुकीली चीजों का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। ऐसा करना अशुभ माना जाता है, और व्रत का प्रभाव भी कम हो सकता है। इसलिए व्रत के दिन इन चीजों से दूरी बनाकर रखें।
3. अहोई माता की कथा जरूर सुनें –
अहोई अष्टमी व्रत के दौरान व्रत कथा सुनना बेहद शुभ माना जाता है। व्रत कथा सुनने से व्रत पूरा माना जाता है और इससे माता की कृपा से आपकी संतान की रक्षा होती है। व्रत कथा के साथ विधि-विधान से अहोई माता की पूजा जरूर करें।
4. संतान को प्रसाद जरूर दें –
अहोई अष्टमी के दिन पूजा के बाद बनाए गए प्रसाद का भोग लगाएं और अपनी संतान को भी प्रसाद दें। ऐसा करने से बच्चों पर माता अहोई की विशेष कृपा बनी रहती है, और उनके स्वास्थ्य और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
5. तारों को चांदी के लोटे से अर्घ्य दें –
अहोई अष्टमी के दिन तारों को अर्घ्य देना व्रत का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। इसके लिए चांदी के लोटे का इस्तेमाल करना बेहद शुभ माना जाता है। चांदी के लोटे से अर्घ्य देने से घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है।
* अहोई अष्टमी की आरती –
जय अहोई माता जय अहोई माता । तुमको निसदिन ध्यावत हरी विष्णु धाता ।।
ब्रम्हाणी रुद्राणी कमला तू ही है जग दाता । जो कोई तुमको ध्यावत नित मंगल पाता ।।
तू ही है पाताल बसंती तू ही है सुख दाता । कर्म प्रभाव प्रकाशक जगनिधि से त्राता ।।
जिस घर थारो वास वही में गुण आता । कर न सके सोई कर ले मन नहीं घबराता ।।
तुम बिन सुख न होवे पुत्र न कोई पता । खान पान का वैभव तुम बिन नहीं आता ।।
शुभ गुण सुन्दर युक्ता क्षीर निधि जाता । रतन चतुर्दश तोंकू कोई नहीं पाता ।।
श्री अहोई माँ की आरती जो कोई गाता । उर उमंग अति उपजे पाप उतर जाता ।।
अहोई अष्टमी का व्रत बच्चों की सुरक्षा और लंबी उम्र के लिए रखा जाता है, और यह व्रत रखने के दौरान सही नियमों का पालन करना आवश्यक होता है। इन बातों का ध्यान रखकर आप अपने व्रत को सफल बना सकती हैं और माता अहोई की कृपा पा सकती हैं।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है।)
24 अक्टूबर को है अहोई अष्टमी व्रत, इन 5 जरूरी बातों का जरूर रखें ध्यान –
Ahoi ashtami fast is on 24 october, keep these 5 important things in mind