आठ पहर सालाहे, सिरजन-हार तू
जीवां तेरी दात किरपा करो मू

हभे थोक विसार हिक्को ख्याल कर
झूठा लाहे गुमान मन तन अरप धर
आठ पहर सालाहे, सिरजन-हार तू
जीवां तेरी दात किरपा करो मू

सोई कम्म कमाए जित मुख उजला
सोई लगे सच, जिस तू देहिअला
आठ पहर सालाहे, सिरजन-हार तू
जीवां तेरी दात किरपा करो मू

जो न ढहन्दो मूल सो घर रास कर
हिक्को चित वसाये कदे न जाए मर
आठ पहर सालाहे, सिरजन-हार तू
जीवां तेरी दात किरपा करो मू

तिन्हा प्यारा राम जो प्रभ भाणिया
गुरप्रसाद अकथ नानक वखाणिया
आठ पहर सालाहे, सिरजन-हार तू
जीवां तेरी दात किरपा करो मू

 

आठ पहर सालाहे, सिरजन-हार तू – Aath pehar salahe sirjanhar tu

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