जानिए गणेश पूजा में क्यों नहीं चढ़ाई जाती तुलसी – Know why tulsi is not offered in ganesh puja

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जानिए गणेश पूजा में क्यों नहीं चढ़ाई जाती तुलसी - Know why tulsi is not offered in ganesh puja

इस वक्त देश में गणेश चतुर्थी की धूम है। बीती 8 सितंबर को देशभर में गणेश चतुर्थी की पूजा हुई थी। इस दिन पंडाल सजाकर बप्पा को विराजमान किया जाता है। वहीं, घर के मंदिर में भी गणपति की बैठक बनाई जाती है। गणेश चतुर्थी से अगले 10 दिनों तक बप्पा की भक्ति में डूबा जाता है। आगामी 17 सितंबर को बप्पा के विसर्जन का आखिरी दिन है। पुराणों में भी गणपति को लेकर कई कहानियां हैं। इसमें भगवान गणेश और माता तुलसी की कहानी है। मान्यता है कि गणेश भगवान को तुलसी नहीं चढ़ाई जाती है। आइए जानते हैं इसके पीछे का सच।

* तुलसी और गणेश की कहानी:

गणेश चतुर्थी का त्योहार महाराष्ट्र और तेलंगाना में सबसे ज्यादा बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। हिंदु पंचांग की मानें तो, भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन गणेश चतुर्थी की पूजा होती है। धर्म ग्रंथों के मुताबिक, बप्पा को श्रीकृष्ण का अवतार माना जाता है। वहीं, श्रीकृष्ण को भगवान विष्णु का अवतार कहा गया है। कहते हैं कि तुलसी विष्णु भगवान की प्रिय है। शालिग्राम जो कि विष्णु के अवतार हैं, का विवाह तुलसी से हुआ था। लेकिन तुलसी को गणेश प्रिय नहीं लगते हैं। इसलिए बप्पा की पूजा में तुलसी को चढ़ाया नहीं जाता है। आइए जानते हैं पूरा सच।

* बप्पा पर मोहित हुईं थी तुलसी:

एक दिन गणेश भगवान गंगा किनारे तपस्या कर रहे थे। इसी दौरान तुलसी के मन में विवाह का विचार था और वह तीर्थ यात्रा पर निकल गईं। तीर्थ यात्रा के दौरान तुलसी जी गंगा के तट पर पहुंचीं। वहीं, गंगा के तट पर पहली बार गणेश और तुलसी का आमना सामना हुआ। गणेश हीरे-मोती की साज सज्जा में बैठे तपस्या में मग्न थे। तुलसी बप्पा को देख उनपर मोहित होने लगीं और फिर गणेश जी से विवाह के सपने देखने लगीं।

* बप्पा से विवाह करना चाहती थीं तुलसी:

वहीं, तुलसी ने बप्पा के सामने विवाह का प्रस्ताव रखा, जिससे गणपति का तप भंग हुआ। गणेश ने तुलसी के मन को पढ़कर खुद को ब्रह्मचारी बताया और उनके विवाह के प्रस्ताव को ठुकरा दिया। इधर, विवाह का प्रस्ताव ठुकराने से तुलसी जी आगबबूला हो गईं और बप्पा को दो शादी का श्राप दे दिया। बप्पा भी क्रोधित हुए और तुलसी से कहा कि उसका विवाह एक असुर से होगा। तुलसी गणेश भगवान के श्राप से डर गईं और बप्पा से माफी मांगने लगीं

* तुलसी को मिला ये वरदान:

बप्पा ने कहा कि तुलसी का विवाह शंखचूड़ से होगा, लेकिन वह श्रीकृष्ण और विष्णु भगवान की प्रिय रहेंगी। इसी के साथ तुलसी कलयुग में लोगों के लिए जीवन और मोक्ष देने का काम करेगी। बप्पा ने यह भी कहा कि उनकी पूजा में कभी भी तुलसी नहीं अर्पित होगी। इसलिए गणेश पूजन में तुलसी नहीं चढ़ाई जाती है।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है।)

 

जानिए गणेश पूजा में क्यों नहीं चढ़ाई जाती तुलसी –

Know why tulsi is not offered in ganesh puja