पंचांग के अनुसार, इस सावन माह में पड़ने वाली शिवरात्रि 2 अगस्त, शुक्रवार के दिन मनाई जाएगी। शिवरात्रि के दिन मान्यतानुसार भगवान शिव की पूजा आराधना की जाती है। माना जाता है कि इस दिन महादेव की पूजा करने पर भक्तों के जीवन में खुशहाली के द्वार खुलते हैं। विवाहित महिलाएं खुशहाल वैवाहिक जीवन के लिए, कन्याएं अच्छे वर की चाह में और पुरुष भोलेनाथ की कृपा पाने के लिए शिवरात्रि का व्रत रखते हैं। शिवरात्रि पर इस साल बेहद खास योग का निर्माण हो रहा है।

* शिवरात्रि की पूजा और शुभ योग: 

इस साल सावन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 2 अगस्त की दोपहर 3 बजकर 26 मिनट से शुरू होगी और इस तिथि का समापन अगले दिन यानी 3 अगस्त की दोपहर 3 बजकर 50 मिनट पर हो जाएगा। उदया तिथि को देखते हुए सावन शिवरात्रि का व्रत 2 अगस्त के दिन ही रखा जाना है। सावन शिवरात्रि की पूजा निशिता काल में की जाती है। निशिता काल 2 अगस्त की देररात 12 बजकर 12 मिनट से शुरू होकर 12 बजकर 55 मिनट तक रहेगा।

श्रावण माह की शिवरात्रि पर इस साल बेहद ही दुर्लभ भद्रावास योग बनने वाला है। इस दौरान मान्यतानुसार भद्रा स्वर्ग में ही वास करेंगी। भद्रावास योग 2 अगस्त की दोपहर 3 बजकर 26 मिनट पर शुरू हो रहा है और इस योग का समापन 3 अगस्त की देररात 3 बजकर 35 मिनट पर हो जाएगा। माना जाता है कि भद्रा के स्वर्ग और पाताल में रहने पर पृथ्वी पर रहने वाले समस्त जीवों का कल्याण हो जाता है।

श्रावण मास की शिवरात्रि पर शिव पूजा में फल। फूल, बेलपत्र, चंदन, शहद, रोली, दीपक, धतूरा, पूजा के बर्तन और गंगाजल आदि सम्मिलित किए जाते हैं। इस दिन सुबह उठकर मंदिर की सफाई करके भक्त पूजा करते हैं।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है।)

 

जानिए सावन शिवरात्रि के दिन कब बन रहा है शुभ योग और किस शुभ मुहूर्त में की जा सकती है भगवान शिव की पूजा।

Know when the auspicious yoga is being formed on the day of sawan shivratri and in which auspicious time lord shiva can be worshipped

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