अगस्त में कब मनाई जाएगी एकादशी और जानें शुभ मुहूर्त के बारे में – When will ekadashi be celebrated in august and know about the auspicious time

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अगस्त में कब मनाई जाएगी एकादशी और जानें शुभ मुहूर्त के बारे में - When will ekadashi be celebrated in august and know about the auspicious time

भगवान श्री हरि विष्णु की पूजा के लिए सबसे विशेष दिनों में से एक एकादशी तिथि मानी जाती है। कहा जाता है कि कृष्ण और शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी तिथि पर अगर व्रत किया जाए और श्री नारायण की सच्चे मन से पूजा अर्चना की जाए, तो साधकों को सुख की प्राप्ति होती है और उनके जीवन से सभी दुखों का नाश होता है। ऐसे में अगस्त 2024 में कब एकादशी तिथि पड़ेगी, इसका शुभ मुहूर्त और तारीख क्या है और इन एकादशी तिथि पर आप क्या कर सकते हैं, चलिए हम आपको बताते हैं।

* अगस्त माह में आएगी दो बड़ी एकादशी: 

अगस्त महीने में दो एकादशी मनाई जाएगी, हिंदू पंचांग के अनुसार पहली एकादशी तिथि 16 अगस्त के दिन मनाई जाएगी। ये सावन माह में पड़ने वाली विशेष एकादशी है, जिसे पुत्रदा एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस एकादशी तिथि की शुरुआत 15 अगस्त को सुबह 10:26 पर होगी, वहीं इसका समापन 16 अगस्त को सुबह 9:39 पर होगा, ऐसे में उदया तिथि के अनुसार पुत्रदा एकादशी 16 अगस्त 2024 के दिन ही मनाई जाएगी।

सावन के बाद भादो की शुरुआत होती है और भादो माह में एकादशी का विशेष महत्व होता है, इसे अजा एकादशी के नाम से जाना जाता है। जो हर साल भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी पर मनाई जाती है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, अगस्त के महीने में आज एकादशी तिथि 29 अगस्त के दिन मनाई जाएगी। इसका शुभारंभ 29 अगस्त 2024 गुरुवार के दिन मध्य रात्रि 1:30 पर होगा, वहीं इसका समापन 30 अगस्त 2024 रात 1:37 पर होगा। पंचांग के अनुसार, 29 अगस्त के दिन ही एकादशी तिथि मनाई जाएगी।

एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करने का विशेष महत्व होता है। कहते हैं कि श्री नारायण की पूजा के दौरान उनके इन मंत्रों का उच्चारण किया जाए तो वह अति प्रसन्न होते हैं, जो इस प्रकार है-

– ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि।

– ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि।

– ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान। यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्‍टं च लभ्यते।।

– दन्ताभये चक्र दरो दधानं, कराग्रगस्वर्णघटं त्रिनेत्रम्। धृताब्जया लिंगितमब्धिपुत्रया लक्ष्मी (मां लक्ष्मी की पूजा के नियम) गणेशं कनकाभमीडे।।

 

अगस्त में कब मनाई जाएगी एकादशी और जानें शुभ मुहूर्त के बारे में –

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