बाबाधाम या बैद्यनाथ धाम, जिसे बाबा बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग के नाम से भी जाना जाता है, भारत के झारखंड राज्य के देवघर जिले में स्थित एक प्रमुख हिंदू तीर्थ स्थल है। यह धाम भगवान शिव को समर्पित है और हिंदू धर्म के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है। यहां शिव के बैद्यनाथ स्वरूप की पूजा की जाती है।
बैद्यनाथ धाम की उत्पत्ति से जुड़ी कई पौराणिक कथाएं हैं। सबसे प्रमुख कथा रावण से संबंधित है। माना जाता है कि लंकापति रावण ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कठोर तपस्या की थी और उनके प्रति अपनी भक्ति का प्रदर्शन करने के लिए अपने सिर को बलि के रूप में अर्पित किया था। जब उसने अपना दसवां सिर काटा, तो भगवान शिव प्रकट हुए और उससे वर मांगने को कहा। रावण ने उनसे लंका चलकर वहाँ रहने का आग्रह किया। भगवान शिव ने उसकी भक्ति से प्रसन्न होकर उसे अपना शिवलिंग दिया और कहा कि वह इसे लेकर लंका जा सकता है, लेकिन एक शर्त थी कि इसे मार्ग में कहीं भी जमीन पर नहीं रखना है। रावण जब शिवलिंग लेकर लौट रहा था, तो देवताओं ने योजना बनाई और रावण को बीच रास्ते में रोकने के लिए जल की आवश्यकता का आह्वान किया। रावण ने एक ब्राह्मण बालक से मदद मांगी, जो वास्तव में भगवान विष्णु थे। बालक ने शिवलिंग को संभालने का प्रस्ताव रखा लेकिन उसे जमीन पर रख दिया। इस प्रकार यह शिवलिंग यहीं स्थापित हो गया और बैद्यनाथ धाम के रूप में प्रसिद्ध हो गया।
बैद्यनाथ धाम का मंदिर परिसर अत्यंत सुंदर और प्राचीन वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। यह मंदिर परिसर एक बड़ी चारदीवारी से घिरा हुआ है और इसके अंदर कई छोटे-बड़े मंदिर स्थित हैं। मुख्य मंदिर भगवान शिव को समर्पित है, जबकि अन्य मंदिरों में देवी पार्वती, भगवान गणेश, भगवान विष्णु और अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियाँ हैं।
बैद्यनाथ धाम में प्रतिदिन हजारों भक्त आते हैं और भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते हैं। सावन के महीने में यहाँ कांवड़ियों की भारी भीड़ होती है, जो गंगाजल लेकर पैदल यात्रा करते हुए यहाँ आते हैं और भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं।
शिवरात्रि और सावन के महीने में बैद्यनाथ धाम में विशेष पूजा और उत्सव का आयोजन किया जाता है। इस दौरान यहाँ भक्तों की भारी भीड़ होती है और मंदिर में विशेष अनुष्ठानों का आयोजन होता है।
बैद्यनाथ धाम का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्त्व अत्यधिक है। यह स्थान न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि यहाँ की प्राचीन संस्कृति और इतिहास की भी झलक मिलती है।
बैद्यनाथ धाम की महिमा और इसकी धार्मिक प्रतिष्ठा ने इसे हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों में एक स्थान दिलाया है। हर साल लाखों भक्त यहाँ आकर भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं और अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करते हैं।
बैद्यनाथ धाम का इतिहास – History of baidyanath dham