प्रभास शक्ति पीठ का इतिहास – History of prabhas shakti peeth

प्रभास शक्ति पीठ के इतिहास से संबंधित जानकारी अधिकतर धार्मिक, पौराणिक और सांस्कृतिक संदर्भों पर आधारित होती है। यह स्थान भारत के धार्मिक स्थलों में से एक महत्वपूर्ण स्थल है, और इसका संबंध देवी सती के शक्ति पीठों से है। शक्ति पीठ वे स्थान हैं जहाँ देवी सती के शरीर के अंग गिरे थे और इन्हें हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र माना जाता है। यहाँ पर देवी के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है।

प्रभास शक्ति पीठ का संबंध सौराष्ट्र, गुजरात के प्रभास क्षेत्र से है। यह स्थान भगवान शिव के सोमनाथ मंदिर के पास स्थित है और इसे ‘सती की कोख’ के गिरने का स्थान माना जाता है। प्रभास शक्ति पीठ का मुख्य देवी मंदिर ‘देवी चंद्रभागा’ को समर्पित है।

देवी सती, जो भगवान शिव की पत्नी थीं, अपने पिता राजा दक्ष के यज्ञ में बिना निमंत्रण के पहुँचीं। वहाँ पर राजा दक्ष ने भगवान शिव का अपमान किया, जिससे दुखी होकर सती ने यज्ञ अग्नि में कूदकर आत्मदाह कर लिया। भगवान शिव ने सती के शरीर को उठाकर तांडव करना शुरू किया, जिससे सृष्टि में हाहाकार मच गया। इस संकट को समाप्त करने के लिए भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से सती के शरीर को 51 भागों में काट दिया, जो विभिन्न स्थानों पर गिरे और ये स्थान शक्ति पीठ कहलाए।

प्रभास क्षेत्र, जहां पर सती की कोख गिरी थी, उसे पवित्र माना जाता है। यहां देवी चंद्रभागा की पूजा की जाती है और इस स्थान को एक प्रमुख शक्ति पीठ माना जाता है।

सोमनाथ मंदिर के पास स्थित होने के कारण यह क्षेत्र धार्मिक पर्यटन के लिए भी महत्वपूर्ण है। भक्त यहाँ पर भगवान शिव और देवी सती दोनों की पूजा करने आते हैं।

प्रभास शक्ति पीठ का मंदिर प्राचीन भारतीय वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। यहाँ पर नियमित रूप से पूजा, अर्चना और धार्मिक अनुष्ठान होते हैं। नवरात्रि, महाशिवरात्रि और अन्य प्रमुख हिंदू त्योहारों के दौरान यहाँ विशेष आयोजन होते हैं, जो भक्तों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं।

प्रभास शक्ति पीठ का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व सौराष्ट्र क्षेत्र के लोगों के जीवन में गहराई से व्याप्त है। यहाँ पर भक्तों का आगमन पूरे वर्ष बना रहता है और यह स्थल आस्था का एक प्रमुख केंद्र है।

प्रभास शक्ति पीठ न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और परंपराओं का भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस स्थल का धार्मिक महत्व हिंदू धर्म की गहरी आस्थाओं और मान्यताओं को दर्शाता है।

 

प्रभास शक्ति पीठ का इतिहास – History of prabhas shakti peeth

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