दरबार तेरा दरबारों में,
एक ख़ास एहमियत रखता है !
उसको वैसा मिल जाता है,
जो जैसी नियत रखता है ॥
प्यारा सजा है तेरा द्वार भवानी !
बड़ा न्यारा सजा है तेरा द्वार भवानी !
भक्तों की लगी है कतार भवानी ॥
! प्यारा सजा है तेरा द्वार भवानी !
ऊँचे पर्बत भवन निराला !
ऊँचे पर्बत भवन निराला !
आके शीश निवावे संसार, भवानी ॥
! प्यारा सजा है द्वार भवानी !
जगमग जगमग ज्योत जगे है !
जगमग जगमग ज्योत जगे है !
तेरे चरणों में गंगा की धार, भवानी॥
तेरे भक्तों की लगी है कतार, भवानी ॥
लाल चुनरिया लाल लाल चूड़ा !
लाल चुनरिया लाल लाल चूड़ा !
गले लाल फूलों के सोहे हार, भवानी ॥
! प्यारा सजा है द्वार, भवानी !
सावन महीना मैया झूला झूले !
सावन महीना मैया झूला झूले !
देखो रूप कंजको का धार भवानी ॥
! प्यारा सजा है द्वार भवानी !
पल में भरती झोली खाली !
पल में भरती झोली खाली !
तेरे खुले दया के भण्डार, भवानी॥
तेरे भक्तों की लगी है कतार, भवानी ॥
लक्खा को है तेरा सहारा माँ !
लक्खा को है तेरा सहारा माँ !
करदे अपने सरल का बेडा पार, भवानी॥
! प्यारा सजा है द्वार भवानी !
तेरे भक्तों की लगी है कतार, भवानी !
प्यारा सजा है द्वार भवानी ॥
प्यारा सजा है तेरा द्वार भवानी – Pyara saja hai tera dwar bhawani