जुलाई महीने में ही सावन की शुरुआत हो रही है। हिंदू धर्म में इसका काफी महत्व है। यह पूरा माह ही भगवान शिव को समर्पित है। इस महीने भोलेनाथ और माता पार्वती की पूजा की जाती है। श्रावण मास में ही पड़ने वाली शिवरात्रि का भी खास महत्व है। श्रद्धालु सावन मास की चतुर्दशी तिथि पर ही मासिक शिवरात्रि का व्रत रखते हैं।
* सावन शिवरात्रि कब है :
इस बार श्रावण मास की शुरुआत सोमवार, 22 जुलाई से होने जा रही है। पंचांग के अनुसार, सावन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 2 अगस्त दोपहर 3.27 बजे से शुरू हो जाएगी और इसका समापन 3 अगस्त दोपहर में 3.51 बजे पर होगा। शिवरात्रि में शाम के वक्त पूजन का विशेष महत्व है। ऐसे में 2 अगस्त को सावन शिवरात्रि का व्रत रखा जाएगा।
सावन के महीने में श्रद्धालु कावड़ लेकर शिवालय जाते हैं। दूर-दूर से जल भरकर शिवभक्त जलाभिषेक करने पैदल जाते हैं। इस यात्रा का विशेष महत्व है। बड़ी संख्या में भक्त कांवड़ लेकर निकलते हैं और शिवरात्रि के दिन अपने स्थान वापस आकर जलाभिषेक भी करते हैं।
1. सावन शिवरात्रि के दिन सुबह जल्दी उठ जाएं।
2. सबसे पहले स्नान आदि करके व्रत का संकल्प लें।
3. स्नान के बाद साफ-सुथरे कपड़े पहनें।
4. अब पूजा स्थल को अच्छी तरह सजाएं।
5. लाल कपड़ा बिछाकर चौकी पर भगवान शिव और माता पार्वती को विराजित करें।
6. अब भगवान शिव का कच्चा दूध, दही, गंगाजल से अभिषेक करें।
7. महादेव को चंदन-तिलक लगाकर माता पार्वती को कुमकुम लगाएं।
8. देसी घी का दीपक जलाकर, विधिवत पूजा करें।
9. भगवान शिव चालीसा करें और आरती करें।
10. भगवान शिव-माता पार्वती को फल-मिठाई का भोग लगाएं. अब प्रसाद को बांटे और खुद भी ग्रहण करें।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है।)
जानिए इस बार मासिक शिवरात्रि का व्रत कब रखा जाएगा और किस तरह किया जा सकता है महादेव का पूजन –
Know when this monthly shivratri fast will be observed and how mahadev can be worshipped