महिलाएं अखंड सौभाग्य की कामना लेकर ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को वट सावित्री का व्रत रखती हैं। इस बार वट सावित्री का व्रत 6 जून दिन गुरुवार को रखा जाएगा। इस दिन महिलाएं व्रत रखकर वट वृक्ष की पूजा कर देवी सावित्री के पतिव्रता धर्म का स्मरण कर अखंड सौभाग्य की कामना करती हैं। आपको बता दें कि वट वृक्ष में भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास माना जाता है।
* वट सावित्री व्रत की तिथि:
पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ अमावस्या तिथि 5 जून की शाम 7 बजकर 54 मिनट पर शुरू होगी और 6 जून की शाम 6 बजकर 7 मिनट तक रहेगी। उदय तिथि के अनुसार वट सावित्री व्रत 6 जून को रखा जाएगा। इस बार वट सावित्री व्रत के तीन मुहूर्त खास बताए गए हैं।
– पूजन मुहूर्त : गुली काल : सुबह 8:24 बजे से 10:06 बजे तक
– अभिजीत मुर्हूत : सुबह 11:21 बजे से दोपहर 12:16 बजे तक
– चर लाभ अमृत मुर्हूत : सुबह 10:06 बजे से दोपहर 3:13 बजे तक
* वट वृक्ष की पूजा:
पौराणिक कथा के अनुसार, देवी सावित्री ने पति को संकट से उबारने के लिए ने घोर तप किया जिससे प्रसन्न होकर यमराज ने पति सत्यवान के प्राण वट वृक्ष के नीचे ही लौटाए थे और वरदान भी दिया था कि जो सुहागिन वट वृक्ष की पूजा करेंगी उन्हें अखंड सौभाग्यवती रहने का आशीर्वाद मिलेगा।
* कैसे करें वट वृक्ष की पूजा:
वट सावित्री व्रत में सुहागिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नानादि से निवृत्त होकर व्रत का संकल्प लेती हैं। महिलाएं सोलह शृंगार कर दो टोकरी में पूजा का समान लेकर वट वृक्ष के नीचे बैठकर वट सावित्री की कथा सुनती हैं और वट वृक्ष को जल से सींचती हैं। इसके बाद वट वृक्ष को रोली,चंदन का टीका लगाती हैं और हाथ में कच्चा सूत लेकर वृक्ष में लपेटते हुए परिक्रमा करके पूजा संपन्न करती हैं।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है।)
जानिए इस बार वट सावित्री व्रत किस तिथि और मुहूर्त में रखा जाएगा।
Know on which date and time the vat savitri fast will be observed this time