झूलेलाल जी की आरती – Jhulelal ji ki aarti

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झूलेलाल जी की आरती - Jhulelal ji ki aarti

ॐ जय दूलह देवा, साईं जय दूलह देवा ।

पूजा कनि था प्रेमी, सिदुक रखी सेवा ॥ॐ..॥

तुहिंजे दर दे केई सजण अचनि सवाली ।

दान वठन सभु दिलि सां कोन दिठुभ खाली ॥ॐ..॥

अंधड़नि खे दिनव अखडियूँ – दुखियनि खे दारुं ।

पाए मन जूं मुरादूं सेवक कनि थारू ॥ॐ..॥

फल फूलमेवा सब्जिऊ पोखनि मंझि पचिन ।

तुहिजे महिर मयासा अन्न बि आपर अपार थियनी ॥ॐ..॥

ज्योति जगे थी जगु में लाल तुहिंजी लाली ।

अमरलाल अचु मूं वटी हे विश्व संदा वाली ॥ॐ..॥

जगु जा जीव सभेई पाणिअ बिन प्यासा ।

जेठानंद आनंद कर, पूरन करियो आशा ॥ॐ..॥

 

झूलेलाल जी की आरती – Jhulelal ji ki aarti