होली साल के सबसे बड़े त्योहारों में गिना जाता है। 2 दिनों के इस त्योहार के पहले दिन होलिका दहन किया जाता है और दूसरे दिन रंगों वाली होली खेली जाती है। हर साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा को होलिका दहन किया जाता है। आज 24 मार्च, रविवार फाल्गुन मास की पूर्णिमा का दिन है इस चलते आज ही होलिका दहन किया जाएगा। होलिका दहन से हिरण्यकश्यप, होलिका और प्रह्लाद की पौराणिक मान्यता भी जुड़ी हुई है। माना जाता है कि हिरण्यकश्यप असुरों का राजा था जिसका पुत्र विष्णु भक्त था। इसीलिए हिरण्यकश्यप ने अपने पुत्र प्रह्लाद को मारने की योजना बनाई थी। हिरण्यकश्यप ने अपने बेटे प्रह्लाद की जान लेने के लिए अपनी बहन होलिका को बुलाया और उसे प्रह्लाद को अपने साथ अग्नि में बैठने के लिए कहा। होलिका को यह वरदान प्राप्त था कि आग उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकती। लेकिन, जब होलिका प्रह्लाद को अग्नि में लेकर बैठी तो हुआ कुछ उल्टा। भगवान विष्णु की कृपा से होलिका जलकर राख हो गई लेकिन प्रह्लाद बच गया। इसी दिन से हर साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा पर होलिका दहन किया जाने लगा और यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक बन गया। 

* होलिका दहन का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि: 

पंचांग के अनुसार, होलिका दहन की तिथि आज 24 मार्च की सुबह 9 बजकर 54 मिनट से शुरू होगी और इस तिथि का समापन 25 मार्च, दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर होगा। आज भद्रा का साया सुबह 9 बजकर 24 मिनट से शुरू होकर रात 10 बजकर 27 मिनट तक रहेगा। ऐसे में आज रात 10 बजकर 27 मिनट के बाद होलिका दहन किया जा सकेगा। भद्राकाल खत्म होने के बाद ही होलिका दहन का शुभ मुहूर्त शुरू हो जाएगा।

होलिका दहन के दिन को छोटी होली  के नाम से भी जाना जाता है। होलिका दहन के दिन सूर्यास्त के बाद होलिका जलाई जाती है और शुभ मंत्रों का जाप किया जाता है। होलिका दहन के दौरान पारंपरिक गीत गाने की भी परंपरा है। हफ्तों पहले से ही गली के चौराहे पर लकड़ी, भूसे और कंडे से होलिका तैयार की जाती है, यह लकड़ियों का ऊंचा लंबा ढेर होता है। होलिका दहन के दिन होलिका में आग लगाई जाती है और होलिका की अग्ननि में रोली, चावल के दाने, अक्षत, कच्चा सूत, फूल, हल्दी, अनाज, बताशे, नारियल और गुलाल चढ़ाए जाते हैं। लोग होलिका की परिक्रमा करते हैं और जीवन से सभी नकारात्मक शक्तियों के दूर चले जाने की प्रार्थना करते हैं।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है।)

 

जानिए आज रात भद्रा के साये के चलते किस समय और किस तरह किया जा सकेगा होलिका दहन –

Know at what time and how holika dahan can be performed tonight due to the shadow of bhadra

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