हिंदू जीवन-शैली में दिन के हर प्रहर को अलग-अलग काल में बांटा गया है और हर समय का अपना महत्व है। ज्योतिष शास्त्र में विस्तार से हर समय के महत्व के बारे में बताया गया है। किस समय क्या काम करना सही होता है और क्या नहीं करना चाहिए इसके लिए कुछ नियम बताए गए हैं। सूर्य उदय होने के लगभग डेढ़ घंटे के पहले के समय को ब्रह्म मुहूर्त कहते हैं। इसे पवित्र और शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस समय कुछ महत्वपूर्ण कार्य करने से दैवीय कृपा प्राप्ति होती है।
* ब्रह्म मुहूर्त में करें नींद का त्याग:
ब्रह्म मुहूर्त के समय वातावरण की ऊर्जा बहुत शुद्ध, पवित्र और शांत होती है। इस समय उठने से जीवन में सकारात्मकता आती है। मान्यता है इस शुभ काल में बिस्तर छोड़ देने वालों के जीवन में धन, बल, बुद्धि, ऐश्वर्य किसी की कमी नहीं रहती है।
* ब्रह्म काल में करें स्नान और पूजा:
ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि के बाद इष्टदेव की पूजा को बहुत शुभ फल देने वाला माना जाता है। इससे प्रभु की कृपा जल्द प्राप्त होती है। इस समय पूजा पाठ, जप, यज्ञ, हवन और ज्यादा प्रभाव होता है।
* अध्ययन के लिए सर्वोत्तम समय:
मान्यता है कि ब्रह्म मुहूर्त मनुष्य की जीभ पर विद्या की देवी सरस्वती का वास होता है। पठन और अध्ययन के लिए इस काल को सर्वोत्तम माना गया है। इस वक्त स्मरण रखने की क्षमता भी काफी तेज होती है। जिससे विद्यार्थियों को अच्छे परिणाम मिल सकता है।
* व्यायाम, योग व ध्यान के लिए श्रेष्ठ समय:
ऋग्वेद में कहा गया है कि ब्रह्म मुहूर्त में उठने वाले की सेहत हमेशा अच्छी रहती है और उसे लंबी उम्र की प्राप्ति होती है। ये वक्त व्यायाम, योग व ध्यान के लिए भी सबसे बेहतर है। ब्रह्म मुहूर्त में ऑक्सीजन का स्तर भी बेहतर होता है। जाहिर है कि ध्यान, व्यायाम व योग करने से शरीर में पर्याप्त मात्रा में प्राणदायी ऑक्सीजन का संचार होता है, जो सेहत के लिए बहुत लाभदायक है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है।)
ब्रह्म मुहूर्त दिन का सबसे शुभ समय होता है, जानिए इस समय क्या करना चाहिए।
Brahma muhurta is the most auspicious time of the day, Know what to do at this time