सनातन धर्म में प्रकृति का बहुत महत्व है। सूरज, चंद्रमा से लेकर पेड़ और नदियों तक को पवित्र और पूजनीय का दर्जा दिया गया है। प्रकृति की अनुपम देन नदियां जीवन के लिए जरूरी हैं। यही कारण है कि भारत में नदियों को मां माना जाता है। गंगा नदी की तरह ही नर्मदा नदी को भी पवित्र नदी माना गया है। हर वर्ष माघ माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी को माता नर्मदा की जयंती मनाई जाती है। मान्यता है कि इस दिन माता नर्मदा का जन्म हुआ था। इस दिन नर्मदा नदी में स्नान और नर्मदा माता की पूजा का बहुत महत्व है। आइए जानते हैं कि नर्मदा जयंती कब मनाई जाएगी।

* कब है नर्मदा जयंती: 

इस वर्ष माघ माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि 15 फरवरी को सुबह 10 बजकर 12 मिनट पर शुरू होगी और 16 फरवरी को सुबह 08 बजकर 54 मिनट पर समाप्त होगी। नर्मदा जयंती 16 फरवरी, शुक्रवार को मनाई जाएगी।

* नर्मदा जयंती का महत्व: 

 

भक्त नर्मदा जयंती के दिन नर्मदा नदी की पूजा करते हैं। इससे जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है और सभी तरह के कष्टों से मुक्ति मिलती है। मान्यता है कि नर्मदा जयंती के दिन इस पवित्र नदी में स्नान करने से सभी तरह के पाप नष्ट हो जाते हैं। नर्मदा नदी का उद्गम मध्य प्रदेश के अमरकंटक से होता है इसलिए नर्मदा जयंती के लिए यह स्थान सबसे उत्तम माना जाता है।

* ऐसे मनाएं नर्मदा जयंती: 

 

भक्तों को नर्मदा जयंती के दिन सूर्य के उगते ही पवित्र नर्मदा नदी स्नान करना चाहिए। स्नान करते समय मां नर्मदा से सेहत, धन और समृद्धि की याचना करनी चाहिए। नर्मदा माता को पुष्प, दीया, हल्दी और कुमकुम चढ़ाना चाहिए। संध्या के समय नर्मदा नदी की आरती में शामिल होना भी शुभ माना जाता है।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है।)

 

जानिए कब मनाई जाएगी नर्मदा जयंती और क्या है महत्व –

Know when narmada jayanti will be celebrated and what is its significance

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