अन्नपूर्णा जयंती मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। अन्नपूर्णा माता पार्वती का रूप है। इस दिन मुख्य रूप से अन्न की पूजा की जाती है। इस दिन देवी पार्वती की पूजा करने से घर में धन धान्य औऱ सुख समृद्धि आती है। इससे मां अन्नपूर्णा की कृपा दृष्टि बनी रहती है। इस दिन घर में चावल और कुछ मीठी चीज बनानी चाहिए। साथ ही दीपक को प्रज्वलित करना चाहिए। इससे घर में कभी खाने की कमी नहीं होती है। 

 

* अन्नपूर्णा जयंती कब है- अन्नपूर्णा जयंती 26 दिसंबर 2023 को मनाया जाएगा।

 

* अन्नपूर्णा पूजन विधि: 

 

 – इस जयंती के दिन आप सुबह उठकर स्नान करें फिर रसोई को साफ करें। इसके बाद पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव करें। फिर आप रसोई घर की पूर्व दिशा में लाल वस्त्र बिछाएं अब इसके ऊपर नव धान्य की ढेरी बनाकर उस पर मां अन्नपूर्णा देवी का चित्र स्थापित करिए।

 

– ताम्र कलश में अशोक के पत्ते और नारियल रखिए। अब जिस चूल्हे या स्टोव पर खाना बनाती हैं उसकी पूजा करिए। फिर आप गाय के घी का दीपक जलाकर पूरे घर को सुगंधित धूप करें।

 

– मां अन्नपूर्णा को रोली से टीका लगाएं फिर उन्हें लाल फूल अर्पित करिए। अब गैस चूल्हे को भी रोली लगाकर अक्षत और फूल चढ़ाकर पूजा करिए। इसके बाद आप मां अन्नपूर्णा देवी को धनिया की पंजीरी का भोग चढ़ाइए।

 

– अन्नपूर्णा देवी का मंत्र – ओम ह्रींग अन्नपूर्णाय नमः, इस मंत्र का जाप आप 108 बार करें। फिर आप मन्त्र जाप करने के बाद मां अन्नपूर्णा का ध्यान करके उनसे प्रार्थना करें।

 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है।)

 

जानिए अन्नपूर्णा जयंती कब है, इसका महत्व और पूजा विधि के बारे में –

Know when is annapurna jayanti, its importance and worship method

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