नवरात्रि  के समय खास योग के कारण मां दुर्गा की अराधना बेहद फलदाई होती है। शारदीय नवरात्रि 15 अक्टूबर से शुरू हो चुकी है और 24 अक्टूबर को दशमी के दिन समाप्त होगी। मान्यता है कि नवरात्रि के समय माता धरती पर अवतरित होती हैं और उनके नौ रूपों की पूजा पूरे विधि विधान से की जाती है। इस समय माता को प्रिय चीजों अर्पित करने से माता अत्यंत प्रसन्न होती हैं लेकिन कुछ चीजें देवी की अराधना में वर्जित मानी जाती हैं और उन्हें भूलकर भी देवी को अर्पित नहीं करना चाहिए

# नवरात्रि में माता रानी को क्या नहीं चढ़ाना चाहिए? 

* तुलसी और दूब है वर्जित: 

नवरात्रि के दौरान माता की पूजा में भूलकर दूब और तुलसी के पत्ते नहीं चढ़ाना चाहिए। ये दोनों चीजें माता की पूजा में वर्जित मानी जाती है। इसके साथ ही बेल चढ़ाने की भी मनाही होती है। इन चीजों से मां के नाराज होने का भय होता है।

* खिले हुए पुष्प करें अर्पित: 

माता की पूजा में हमेशा पूरी तरह खिले हुए फूलों का ही उपयोग करना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार देवी को कमल और चंपा के अलावे किसी भी फूल की कली चढ़ाना वर्जित हैं। नागचंपा, हरसिंगार और मदार के फूल नहीं चढ़ाने चाहिए। लाल रंग के फूलों से माता सबसे ज्यादा प्रसन्न होती हैं।

* बीच में न छोड़े पूजा: 

नवरात्रि की पूजा में दुर्गा सप्तशती, दुर्गा चालीसा और मंत्रों का जाप करना चाहिए। पूजा के दौरान कभी भी बीच में उठना नहीं चाहिए। ऐसा करने से पूजा निष्फल साबित हो सकती है।

* अपवित्र स्थान के फूल: 

माता की पूजा के लिए कभी भी अपवित्र स्थान से लाए फूलों का उपयोग नहीं करना चाहिए। देवी को नीचे गिरे फूलों को चढ़ाना भी वर्जित माना गया है।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है।)

 

भूलकर भी न चढ़ाएं नवरात्रि में माता रानी को ये चीजें, माना जाता है बेहद अशुभ –

Do not offer these things to mata rani even by mistake during navratri, they are considered very inauspicious

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