यशोदा का नंदलाला,
ब्रिज का उजाला हैं
मेरे लाल से तो सारा,
जग झीलमिलाए
रात ठंडी ठंडी हवा गा के सुलाए
भोर गुलाबी पलके झूम के जगाए
यशोदा का नंदलाला…
सोते सोते गहरी नींद में
मुन्ना क्यू मुस्काये
पुछो मुझसे मैं जानू
इसको क्या सपना आए
जुग जुग से ये लाल है अपना
हर पल देखे बस यही सपना
जूजू जूजू जू….
जब भी जनम ले मेरी गोद में आए
मेरे लाल से तो सारा जग झील मिलाए
यशोदा का नंदलाला…
मेरी उंगली थाम के जब ये
घर आँगन में डोले
मेरे मन में सोई सोई
ममता आँखे खोले
चुपके चुपके मुझको देखे
जैसे ये मेरे मन में झाँके
जूजू जूजू जू….
चेहरे से आँखे नहीं हटती हटाए
मेरे लाल से तो सारा जग झील मिलाए
रात ठंडी ठंडी हवा, गा के सुलाए
भोर गुलाबी पलके, झूम के जगाए
यशोदा का नंदलाला…
यशोदा का नंदलाला – Yashoda ka nandlala