पंचांग के अनुसार सालभर में 24 एकादशी पड़ती हैं। महीने में 2 एकादशी के व्रत रखे जाते हैं जिनमें से एक कृष्ण पक्ष और दूसरा शुक्ल पक्ष में रखा जाता है। इस महीने कृष्ण पक्ष में अजा एकादशी पड़ रही है। मान्यतानुसार इस एकादशी को जया एकादशी भी कहते हैं। एकादशी के व्रत में भगवान विष्णु की मान्यतानुसार पूजा-आराधना की जाती है। 

पंचांग के अनुसार, भाद्रपद के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को अजा एकादशी कहते हैं। इस बार एकादशी की तिथि 9 सितंबर की शाम 7 बजकर 17 मिनट से शुरू हो रही है और 10 सितंबर रात 9 बजकर 29 मिनट पर इसका समापन हो जाएगा। उदया तिथि के अनुसार अजा एकादशी का व्रत 10 सितंबर के दिन ही रखा जाना है।

इस बार अजा एकादशी के दिन दो बेहद ही खास योग बन रहे हैं। पहला योग है रवि पुष्य योग और दूसरा है सर्वाद्ध सिद्धि योग। वहीं, अजा एकादशी के शुभ मुहूर्त की बात करें तो पूजा का शुभ मुहूर्त 10 सितंबर की सुबह 2 बजकर 37 मिनट से दोपहर 12 बजकर 18 मिनट तक है। इसे एकादशी की पूजा का सबसे शुभ मुहूर्त माना जा रहा है। इसके अतिरिक्त 11 सितंबर की सुबह 6 बजकर 4 मिनट से 8 बजकर 33 मिनट तक व्रत पारण का शुभ मुहूर्त है।

एकादशी की सुबह स्नान पश्चात स्वच्छ वस्त्र धारण किए जाते हैं और फिर एकादशी व्रत का संकल्प लिया जाता है। घर के मंदिर को साफ करके भगवान विष्णु की मूर्ति या प्रतिमा स्थापित की जाती है। व्रत सामग्री में नारियल, सुपारी, फल, लौंग, अगरबत्ती, घी, पंचामृत, तेल का दीया और फूल आदि शामिल किए जाते हैं। इसके बाद आरती की जाती है और विष्णु भगवान को भोग लगाया जाता है। इस दिन तुलसी की भी खास पूजा की जाती है।

माना जाता है कि अजा एकादशी की पूजा करने पर भक्तों को पापों से मुक्ति मिलती है और उनकी सभी मनोकामनाओं को श्री हरि सुनते हैं। कहते हैं इस व्रत की कथा सुनना और व्रत रखना अश्वमेघ यज्ञ जितना महत्व रखता है।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है।)

 

जानिए किस दिन रखा जाएगा अजा एकादशी का व्रत, किस मुहूर्त में करें भगवान विष्णु की पूजा –

Know on which day aja ekadashi fast will be observed, at which time worship lord vishnu.

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