पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी के दिन जन्माष्टमी मनाई जाती है। माना जाता है कि श्रीकृष्ण का जन्म रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। इस दिन जन्माष्टमी का विशेष उत्सव मनाया जाता है और साथ ही दही हांडी फोड़ी जाती है। दही हांडी फोड़ने को बेहद शुभ माना जाता है। मान्यतानुसार श्रीकृष्ण भगवान विष्णु का अवतार हैं। श्रीकृष्ण का जन्म अपने दुराचारी मामा कंस को मारने के लिए हुआ था। देवकीनंदन कृष्ण को यशोदा मैया ने पाला था जिस चलते उन्हें यशोदा का नंद भी कहा जाता है। कहते हैं बाल गोपाल अपने बचपन के दिनों में खूब हांडियां फोड़ते थे जिस चलते उन्हें माखनचोर भी बुलाया जाता है। इस वर्ष जन्माष्टमी कब है और किस दिन फोड़ी जाएगी दही हांडी जानिए।
इस वर्ष जन्माष्टमी 6 सितंबर के दिन मनाई जा रही है लेकिन दही हांडी जन्माष्टमी के अगले दिन यानी 7 सितंबर के दिन फोड़ी जाएगी। इसी दिन दही हांडी उत्सव की उमंग देखने को मिलेगी। दही हांडी उत्सव का शुभ मुहूर्त सुबह से शाम तक के बीच माना जाता है। इस बीच हांडी फोड़ना बेहद शुभ मानते हैं।
दही हांडी उत्सव मनाने के लिए चौराहे, गली-मोहल्ले में या फिर किसी मैदान में ऊंचाई पर दही की मटकी यानी दही हांडी को बांधा जाता है। यह हांडी मिट्टी की बनी होती है। गोविंदाओं की टोली यानी कृष्णभक्त इस हांडी को फोड़ने दूर-दूर से आते हैं। गोविंदाओं की टोली दही हांडी को फोड़ने के लिए पिरामिड बनाते हुए ऊपर की तरफ बढ़ती है और आखिर में जो दही हांडी फोड़ता है वही विजेता कहलाता है। इस दिन जगह-जगह दही हांडी प्रतियोगिताएं भी होती हैं।
दही हांडी उत्सव खूब जोर-शोर से मनाया जाता है। इस उत्सव की धूम खासतौर से महाराष्ट्र और गुजरात में देखने को मिलती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार कान्हा अपने गांव की महिलाओं से माखन और दही चुराकर सभी सखाओं को खिलाते थे। वे गुलेल से सभी की हांडियां फोड़ा करते थे। इस चलते हर साल दही हांडी उत्सव मनाया जाता है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है।)
तारीख और शुभ मुहुर्त सहित जानिए कि इस वर्ष दही हांडी कब मनाई जाएगी।
Know when dahi handi will be celebrated this year including date and auspicious time.