लाख खुशिया पातशाहिया जे सतगुर नदर करे
लाख खुशिया पातशाहिया जे सतगुर नदर करे
लाख खुशिया पातशाहिया जे सतगुर नदर करे
निमख वेख हर नाम दे मेरा मन तन शीतल होए
जिसको पुरब लिखिया तिन सतगुर चरन गहे
तिन सतगुर चरन गहे

लाख खुशिया पातशाहिया जे सतगुर नदर करे

सभी थोक प्राप्ते जे ावे इक हाथ
जनम पदारथ सफल है जे सचा शबद काठ
गुर ते महल प्राप्ते जिस लिखिया होव मथ
लाख खुशिया पातशाहिया जे सतगुर नदर करे
मेरे मन ेकस सेउ चित लाये
ेकस बिन सब ढंड है
लाख खुशिया पातशाहिया जे सतगुर नदर करे
लाख खुशिया पातशाहिया जे सतगुर नदर करे

सफल मूरत सफला घडी जित सचे नाल पियार
दुःख संताप न लगाई जिस हर का नाम अधार
बाहें पकड़ गुर कादिया सोइ उतरिया पार
लाख खुशिया पातशाहिया जे सतगुर नदर करे
लाख खुशिया पातशाहिया जे सतगुर नदर करे

ठान सुहावा पवित है जिथे संत सभा
तोहि तिस ही न मिले जिन पूरा गुरु लाभा
नानक बड्डा करात हो जिथे मिरत न जनम जारहा
लाख खुशिया पातशाहिया जे सतगुर नदर करे
लाख खुशिया पातशाहिया जे सतगुर नदर करे.

 

लाख खुशिया पातशाहिया – Lakh khushiya patshahiya

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